प्रेस विज्ञप्ति
एसीबी के 02 अलग-अलग प्रकरण में लोकसेवक रिश्वत लेते गिरफ्तार
01. जिला कोरबा में शिक्षक रिश्वत लेते गिरफ्तार
प्रार्थी श्री रामायण पटेल, निवासी नया काशी नगर, कोरबा द्वारा एन्टी करप्शन ब्यूरो, बिलासपुर में शिकायत की गई थी कि प्राथमिक शाला केसला जिला कोरबा में वह प्रधान पाठक एवं उनकी पत्नी श्रीमती गरिमा चौहान भी शिक्षक के रूप में पदस्थ हैं। उनकी मुलाकात माध्यमिक शाला बेला जिला कोरबा में शिक्षक के रूप में पदस्थ विनोद कुमार सांडे जो कि समग्र शिक्षक फेडरेशन कोरबा का जिला अध्यक्ष भी है, से होने पर आरोपी विनोद कुमार सांडे द्वारा कहा गया कि तुम्हारी पत्नी गरिमा चौहान का बहुत दूर के स्कूल में स्थानांतरण हो रहा है, डीईओ कोरबा एवं बीईओ कोरबा से उनके बहुत अच्छे व लेनदेन का संबंध होना बताकर नजदीक के स्कूल प्राथमिक शाला ओमपुर में स्थानांतरण करा देने के एवज् में 2,00,000 रूपये रिश्वत की मांग की गई थी। प्रार्थी रिश्वत नहीं देना चाहता था बल्कि आरोपी को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़वाना चाहता था। शिकायत सत्यापन पश्चात् आज दिनांक 17.07.2025 को ट्रेप आयोजित कर प्रार्थी से विनोद कुमार सांडे, शिक्षक को 2,00,000 रूपये रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया।
आरोपी को गिरफ्तार कर उनके विरुद्ध धारा 7 पीसीएक्ट 1988 (संशोधित अधिनियम 2018) के प्रावधानों के तहत् कार्यवाही की जा रही है।
02. जिला जांजगीर में पटवारी रिश्वत लेते गिरफ्तार
प्रार्थी श्री सत्येन्द्र कुमार राठौर, निवासी पुराना चंदनिया पारा, जांजगीर द्वारा एन्टी करप्शन ब्यूरो, बिलासपुर में शिकायत की गई थी ग्राम पुटपुरा में उनके एवं परिवार के सदस्यों के नाम पर जमीन है। उक्त जमीन से उनकी 02 बुआ ने हकछोड़ रजिस्ट्री के माध्यम से अपना हक त्याग कर दिया है, जिस पर उक्त जमीन से अपनी दोनों बुआ का नाम बी 1, पी2 तथा ऋण पुस्तिका से नाम हटाने के लिये आवेदन किया गया था। एक माह व्यतीत होने के उपरांत भी पुटपुरा पटवारी बालमुकुंद राठौर द्वारा ऋण पुस्तिका से नाम नहीं हटाया गया था तथा उक्त कार्य के एवज् में 20,000 रूपये रिश्वत की मांग की जा रही थी। प्रार्थी रिश्वत नहीं देना चाहता था बल्कि आरोपी को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़वाना चाहता था। शिकायत सत्यापन पश्चात् आज दिनांक 17.07.2025 को ट्रेप आयोजित कर प्रार्थी से पटवारी बालमुकुंद राठौर को 20,000 रूपये रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया।
आरोपी को गिरफ्तार कर उनके विरुद्ध धारा 7 पीसीएक्ट 1988 (संशोधित अधिनियम 2018) के प्रावधानों के तहत् कार्यवाही की जा रही है।

रिपोर्ट आलोक शुक्ल।

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