DRI investigation and GST Case Breaking Details:

रिपोर्ट आलोक शुक्ल।

600 करोड़ GST घोटाले का आरोपी अख्तर रसूल गिरफ्तार

राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) लुधियाना की टीम ने बड़ी कार्रवाई की है।

जांच एजेंसी DRI ने कार्रवाई करते हुए मुरादाबाद निवासी कारोबारी अख्तर रसूल को दिल्ली एयरपोर्ट से उस वक्त गिरफ्तार किया गया जब वह विदेश भागने की कोशिश कर रहा था।अख्तर रसूल पर GST चोरी, हवाला कारोबार और ड्रग्स से जुड़े नेटवर्क से संबंध होने के गंभीर आरोप हैं

जांच एजेंसी डीआरआई की टीम ने मुरादाबाद में अख्तर रसूल के दफ्तरों पर छापेमारी कर उन्हें सील कर दिया है।इसके बाद अब तफ्तीश का दायरा आगे बढ़ाया जा रहा है।

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के अम्बिकापुर में भी कुछ समय पहले GST ने एक प्रतिष्ठान पर छापा मारा था जिसके विरोध में कुछ व्यापारी एक जुट होकर विरोध में जुटे लेकिन यहां भी जब मामला सामने आया तो व्यापारी ने बड़े पैमाने पर हेरा फेरी की थी। जिसमें सोशल मीडिया इस व्यापारी पर कड़ी कार्यवाही के लिए लोग मुखर हो गए।

अब एक नज़र अम्बिकापुर के कुछ व्यापारियों की करतूत पर।

मई में जीएसटी विभाग का सर्वे चर्चाओं में था, इसके विरोध में अंबिकापुर शहर के दो मार्ग आधे दिन बंद रहा और  सुरजपुर का मुख्य बाजार को बंद कराया गया है !

अब यहां समझने की बात है कि जीएसटी का सर्वे एक समान्य प्रक्रिया है जो विभिन्न व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में होता रहता है लेकिन क्या खास बात है जो कि पांच सीमेंट व्यापारियों के यहां सर्वे होने से अचानक व्यापारी आक्रोशित हो गए और शहर तक को बंद कराने का प्रयास किया ! विवेक ट्रेडर्स, राहुल ट्रेडर्स, अग्रवाल इंटरप्राइजेज, बंसल ट्रेडिंग कंपनी और लक्ष्मी ट्रेडर्स में सर्वे की कार्यवाही हुई लेकिन जैसे ही लक्ष्मी ट्रेडर्स में सर्वे की कार्यवाही शुरू हुई कि लोग परेशान हो गए और आक्रोश को जन्म दिया जिसमें जीएसटी विभाग ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि मेसर्स बंसल ट्रेडिंग कार्पोरेशन, अंबिकापुर के व्यवसाय स्थल पर स्टेट जीएसटी विभाग अंबिकापुर द्वारा 29 मई को जांच की कार्यवाही की गई है। भारत सरकार द्वारा संचालित जीएसटी पोर्टल के अनुसार इनका रिस्क स्कोर 10 आ रहा था, जिसका आशय होता है कि फर्म कर अपवंचन में संलिप्त है। जब मौके पर जांच टीम पहुंची तो, देखा कि उनके व्यवसाय स्थल पर व्यवसाय से संबंधित कोई भी लेखा पुस्तक या कोई भी सॉफ्टवेयर जैसे कि टैली का संधारण नहीं पाया गया, जिससे कर अपवंचन की संभावना और भी प्रबल हो गई। आगे जांच में पाया गया कि वर्ष 2017-18 से वर्ष 2024-25 तक कुल टर्न ओव्हर लगभग रू. 158 करोड़ से अधिक है किंतु उस पर कर का नगद भुगतान शून्य किया गया है।

साथ ही साथ जब ई-वे बिल की जांच की गई तो पता चला कि वर्ष 2023-24 में माल की खरीदी 29.50 करोड़ की गई किंतु माल की सप्लाई मात्र रू. 50 लाख की ही की गई, जिससे यह पता चलता है कि माल का विक्रय आम उपभोक्ता को किया गया है किंतु बिल को अन्य व्यवसायियों को बेचकर बोगस इनपुट टैक्स का लाभ दिया गया है, जिससे कि केंद्र सरकार के साथ राज्य सरकार को कर राजस्व की अत्यधिक हानि हुई है। जांच के दौरान व्यवसायी के द्वारा अपनी गलती / त्रुटि स्वीकार करते हुए स्वैच्छिक रूप से रू. 40.00 लाख कर भुगतान करने की मंशा जाहिर की किंतु जीएसटी विभाग के अधिकारियों नें व्यवसायी से लेखा पुस्तक एवं अन्य दस्तावेज प्रस्तुत करने की मांग की। व्यवसायी की ओर से अभी तक कोई भी जानकारी एवं दस्तावेज प्रस्तुत नही किया गया है।

इसके साथ-साथ दिनांक 30.05.2025 एवं दिनांक 31.05.2025 को मेसर्स लक्ष्मी ट्रेडर्स, अंबिकापुर के व्यवसाय स्थल पर स्टेट जीएसटी विभाग अंबिकापुर द्वारा जांच की कार्यवाही की गई है। इनके यहां जांच में पाया गया कि वर्ष 2017-18 से वर्ष 2024-25 तक कुल टर्न ओव्हर लगभग रू. 96 करोड़ से अधिक है किंतु उस पर कर का नगद भुगतान नगण्य किया गया है। साथ ही साथ जब ई-वे बिल की जांच की गई तो ज्ञात हुआ कि वर्ष 2023-24 में माल की खरीदी 11 करोड़ की गई किंतु माल की सप्लाई मात्र रू. 7 करोड़ की ही की गई है।

जांच के दौरान व्यवसायी के द्वारा अपनी गलती / त्रुटि स्वीकार करते हुए स्वैच्छिक रूप से रू. 17.55 लाख कर भुगतान कर दिया गया है। उक्त व्यवसायी पर स्टेट जीएसटी विभाग द्वारा पूर्व में कोई कार्यवाही नहीं की गई थी।

उक्त जानकारी जीएसटी विभाग के विज्ञप्ति में दिया गया है ! अब विशेष बात यह है कि सूत्रों की मानें तो अम्बिकापुर में तीन सीमेंट व्यापारी जांच एजेंसी के रडार पर भी हैं  जिसमें से उक्त पांच सीमेंट विक्रेताओं जिनके यहां सर्वे हुआ है उनमें में से दो सीमेंट विक्रेता यह भी है ! सूत्रों से मिले जानकारी के अनुसार पूर्व सरकार के एक कद्दावर नेता जिसके खिलाफ ED ने FIR दर्ज कराया है उस नेता ने गलत तरीके से अंबिकापुर स्थित उक्त सीमेंट विक्रेता के फर्म में बहुत बड़ा एमाउंट का ट्रांजेक्शन किया है और उक्त फर्म का लिंक राजपुर स्थित एक चर्चित व्यक्ति से जुड़ा है जिसके यहां ED, GST का सर्वे हो चुका है और दस्तावेज जप्त कर लिया गया है इसके साथ ही शहर के जो तीन सीमेंट व्यापारी अभी उनसे पूछ-ताछ होना बाकी है ! किसी बड़े कार्यवाही के आहट से भयभीत हो कर कुछ व्यापारियों द्वारा दबाव बनाया गया था कि कार्यवाही रुक जाए लेकिन घोटाला इतना बड़ा है कि नगर बंद होने से जांच प्रभावित होना मुश्किल है!

जीएसटी विभाग के उपर यह आरोप लगाया गया है कि 6 माह में एक ही दुकान में दो बार सर्वे किया गया है और पूरा कर का भुगतान किया गया है लेकिन लोगों को जानकारी नहीं है कि दुकान एक है परंतु उस दुकान में तीन फर्म संचालित है ! गैरकानूनी तरीके से फर्म बना कर जीएसटी बिल ठेकेदारों को मोटा कमाई करते हुए बेचा जा रहा है और उस बिल को बिना काम किए हुए सरकारी विभागों में जमा कर निर्माण कार्य दिखा कर सरकारी खजाने से पैसा निकाला जा रहा है तथा बड़े धनराशि का लेन देन बैंक खाते में हुआ है परंतु एक रुपये भी जीएसटी कर का भुगतान नहीं किया गया है जिसमें सरकार की पैनी नजर पड चुकी है और आने वाले समय में जांच के दायरे में अनेक फर्जी फर्म आने वाले हैं और इन्ही सभी कारणों से सीमेंट के व्यापारी भयभीत हैं और यही वजह है कि नगर बंद कर जांच की कार्यवाही को प्रभावित करने का प्रयास किया जा रहा है !

सरगुजा संभाग में भी सरकार को अरबों का चूना लगा चुके लोग केंद्रीय जांच एजेंसी के रडार पर हैं ऐसा बताया जा रहा है।

बहरहाल हम परत दर परत इसका खुलासा करेंगे।

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