
तमनार मामले पर भूपेश बघेल के घड़ियाली आंसू का सच।
रिपोर्ट आलोक शुक्ल।
विधान सभा के अंतिम दिन भूपेश बघेल और कांग्रेस के विधायकों ने तमनार में पेड़ कटाई को लेकर मामला को उछाला। इस मुद्दे पर भूपेश बघेल ने भाजपा सरकार पर प्रश्न उठाए साथ ही अडानी से भाजपा की नज़दीकी को चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी के बाद मीडिया के सामने जोर जोर से कहा।
लेकिन सच्चाई इसके विपरीत है इसका हम सिलसिलेवार खुलासा कर रहे हैं कि किस तरह कब और क्या हुआ साथ ही वन विभाग में भी जिस तरह से भूपेश बघेल के खासम खास आई एफ एस अधिकारी पीसीसीएफ श्रीनिवास राव ने किस तरह खुलकर भूपेश सरकार का साथ दिया और जिस तेजी से काम किया उससे एक बड़ा सवाल उठ रहा है?
भूपेश बघेल सरकार के दौरान तमनार-गारे पेल्मा सेक्टर II कोल ब्लॉक से संबंधित लिए गए प्रमुख निर्णय:
27.09.2019
परियोजना के लिए पर्यावरणीय स्वीकृति (EC) प्राप्त करने हेतु जनसहमति के लिए राज्य सरकार और महाजेनको द्वारा जनसुनवाई आयोजित की गई।
16.10.2019
पर्यावरणीय स्वीकृति की अनुशंसा
राज्य सरकार द्वारा पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEF & CC), भारत सरकार को ईसी की अनुशंसा भेजी गई।
11.07.2022
पहली पर्यावरणीय स्वीकृति
MoEF & CC द्वारा पर्यावरणीय स्वीकृति प्रदान की गई।
19.04.2022
वन स्वीकृति चरण-I की अनुशंसा
राज्य सरकार द्वारा चरण-I की अनुशंसा की गई।
02.06.2022
वन स्वीकृति चरण-I की मंजूरी
राज्य सरकार की अनुशंसा पर MoEF & CC द्वारा वन स्वीकृति चरण-I की मंजूरी दी गई।
23.01.2023
वन स्वीकृति चरण-II की अनुशंसा
राज्य सरकार द्वारा MoEF, भारत सरकार को वन स्वीकृति चरण-II के लिए अनुशंसा भेजी गई।
27.01.2023
वन स्वीकृति चरण-II की मंजूरी
MoEF, भारत सरकार द्वारा वन स्वीकृति चरण-II की मंजूरी प्रदान की गई।
साफ है कि भूपेश सरकार में ही तमनार गारे पेलमा सेक्टर कोल ब्लॉक की सारी स्वीकृति की गई और तेजी से इस मामले का निपटारा किया गया।
अब भूपेश बघेल जिस तरह से अपने बेटे चैतन्य बघेल को ईडी के द्वारा गिरफ्तार करने के बाद इस मामले पर भाजपा को घेरने की कोशिश कर रहे हैं उससे छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी पर भी एक सवाल खड़ा हो रहा है कि क्या कांग्रेस भी जनता को इस मामले पर भ्रम में रखने की कुत्सित राजनीति कर रही है।
बहरहाल छत्तीसगढ़ में विकास के नाम पर वन का विनाश दुर्भाग्यपूर्ण है मगर उससे भी बड़ा दुर्भाग्य इस तरह की राजनीति है कम से कम इस मामले पर तो दलों को अपनी राय स्पष्ट रूप से आमजन के सामने रखनी चाहिए।
ये भी साफ है कि भूपेश बघेल अपनी विश्वसनीयता इस तरह के भ्रम फैलाकर स्वयं सबके सामने और कांग्रेस पार्टी में भी अपना कद पुत्र मोह में कम कर रहे हैं। वहीं वन विभाग में भर्ती में घोटाले और कई मामलों में संदेह में आ चुके राव को भाजपा सरकार अभी तक क्यों वन विभाग का मुखिया बना कर रखी है ये भी यहां भाजपा के अंदरखाने ही बड़ी चर्चा का विषय बन चुका है।