Letter on Rakesh Kishor and Supreme Court:
अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणि ने दी मंजूरी –
सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ कथित आपत्तिजनक बयानों पर वकील राकेश किशोर के खिलाफ आपराधिक अवमानना की कार्रवाई शुरू होगी ।
– भारत के अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणि ने अधिवक्ता राकेश किशोर के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की आपराधिक अवमानना की कार्यवाही शुरू करने की अनुमति दे दी है। यह अनुमति अदालत की अवमानना अधिनियम, 1971 की धारा 15(1)(b) के तहत सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विकास सिंह को दी गई है।
अटॉर्नी जनरल ने अपने पत्र में कहा है कि— उपलब्ध सामग्री के आधार पर वे इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि राकेश किशोर का आचरण सुप्रीम कोर्ट की आपराधिक अवमानना के दायरे में आता है। उन्होंने कहा कि किशोर के कथन न केवल “आपत्तिजनक” हैं बल्कि “सुप्रीम कोर्ट की गरिमा और अधिकार को कमतर” करने वाले भी हैं।
वेंकटरमणि ने कहा—
“ऐसा व्यवहार न्याय वितरण प्रणाली की नींव पर चोट करता है और न्यायपालिका, विशेष रूप से सर्वोच्च न्यायालय, में जनता के विश्वास को कमजोर करने की प्रवृत्ति रखता है।”
उन्होंने आगे कहा कि किसी भी व्यक्ति को न्यायालय या उसके न्यायाधीशों पर हमला करने या अपमानजनक टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है। इस तरह की हरकतें “न्यायालय की गरिमा और विधि के शासन का गंभीर उल्लंघन” हैं।
अटॉर्नी जनरल ने यह भी उल्लेख किया कि— उपलब्ध अभिलेखों के अनुसार राकेश किशोर ने अपने आचरण पर कोई पश्चाताप नहीं दिखाया है और उनके बाद के वक्तव्यों से यह स्पष्ट है कि वे अपने कथनों पर अड़े हुए हैं।
अंत में वेंकटरमणि ने कहा— “मैं धारा 15(1)(b) के तहत अपनी सहमति प्रदान करता हूं ताकि राकेश किशोर के विरुद्ध माननीय सुप्रीम कोर्ट में आपराधिक अवमानना की कार्यवाही प्रारंभ की जा सके।”

