
भाजपा में कोई कितना भी बड़े पद पर पहुंच जाए मगर वो जब तक संघ में उपस्थित होकर वहां नहीं दिखता तब तक उसे पक्का भाजपाई नहीं माना जाता है।
हम आपको जो तस्वीर दे रहे हैं वो राज्य के वित्त मंत्री ओ पी चौधरी की है जो बकायदा संघ यानि RSS के कार्यक्रम में दिख रहे हैं और समर्पित होकर कार्यक्रम में भाग भी ले रहे हैं।

ओ पी चौधरी ने आई ए एस की नौकरी छोड़ी थी। उन्होंने कलेक्टर के पद पर भी ज़िलों की कमान संभाली थी और उन्हें एक युवा आई ए एस के तौर पर जाना जाता था लेकिन अचानक उन्होंने राजनीति में आने का फैसला कर सबको चौंका दिया था।2018 के विधान सभा चुनाव के पूर्व नौकरी और बड़े पद को छोड़ भाजपा में आने वाले ओ पी चौधरी को भाजपा ने टिकट दी लेकिन खरसिया में वो स्वर्गीय नंद कुमार पटेल के बेटे से चुनाव हार गए और इस बार रायगढ़ से टिकट मिली और जीत का परचम फहराया।
अब भाजपा में बड़े मंत्री के तौर पर उन्होंने कार्यभार संभाला है साथ ही RSS के कार्यक्रम में भाग लेकर वो कुछ और संकेत भी दे रहे हैं ऐसा कुछ का मानना है।
हालांकि भाजपा नेताओं का संघ की शरण में जाना एक परंपरा रही है लेकिन हर तस्वीर के भी अपने मायने होते हैं खासकर छत्तीसगढ़ में जिस तरह से विष्णु देव साय की सरकार चल रही है उससे आमजन खुश नहीं हैं ऐसे में राज्य में कई तरह की चर्चाओं का बाज़ार भी गर्म है।
आलोक शुक्ल,पहल।
