अडानी की खदान के कारण सरगुजा में लाखों पेड़ काटने और इससे हो रहे भयंकर दुष्प्रभाव की बात को लेकर हसदेव बचाओ संघर्ष समिति के तत्वावधान में आज अंबिकापुर में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन शहर के गांधी चौक पर किया गया।

गौरतलब है कि अडानी के हसदेव अरण्य में कोल ब्लॉक आबंटन के कारण अब तक 3 लाख पेड़ काटे जा चुके हैं साथ ही हसदेव बचाओ संघर्ष समिति के कार्यकर्ताओं ने बताया कि अडानी को कोल ब्लॉक आबंटन में लगातार विस्तार से 15 लाख पेड़ कटेंगे जिससे सरगुजा ही नहीं पूरे क्षेत्र समेत आसपास के राज्य में भी जैव विविधता और पर्यावरण पर बेहद खराब असर पड़ेगा।

इस एक दिवसीय आंदोलन में आज अंबिकापुर के भी काफी लोगों ने गांधी चौक पहुंचकर इसका समर्थन किया लेकिन सरगुजा की कांग्रेस और भाजपा इन दोनों ही पार्टियों से कोई भी नेता इस आमजन की आवाज़ को उठाने के लिए बने मंच पर नहीं पहुंचा जिससे लोगों में आक्रोश भी है।

वहीं सरगुजा, कोरिया, बलरामपुर और जशपुर जिलों से लोग इस धरने के समर्थन में पहुंचे।

साथ ही मध्य प्रदेश के सिंगरौली, महाराष्ट और झारखंड से भी लोग इसमें शामिल होकर अडानी की खदान से पर्यावरण पर होने वाले भयंकर दुष्प्रभाव के बारे में जानकारी देते दिखे और इस तरह नियम कानून के विपरीत पर्यावरण के नुकसान पर नाराज़गी जताई।

आने वाले समय में कई मोर्चे इसका समर्थन करने वाले हैं और जगह जगह जिस तरह आमजन को जोड़ा जा रहा है उससे सरकार ही नहीं विपक्ष को भी जनभावना को समझनी पड़ेगी अन्यथा यहां दोनों ही मुख्य राजनैतिक दल के नेताओं को इससे हानि ही उठानी पड़ेगी ये तय है। वहीं सोशल मीडिया पर ही पर्यावरण पर अपने मगरमच्छी आंसू बहाने वाले भी आज के ज़मीनी कार्यक्रम से नदारद दिखे इस पर भी लोग कहते पाए गए कि क्या मतलब इन सोशल मीडिया के कागज़ी शेरों का इन्हें अच्छे तो समर्पित कार्यकर्ता और हमारे ग्रामीण और आदिवासी हैं जो प्रकृति को अपना आराध्य मानकर एक धनकुबेर के  विरुद्ध अपनी आवाज़ तो उठा रहे हैं।

आलोक शुक्ल।

By admin

You missed