Supreme Court On Stray Dogs update Details:
आवारा कुत्तों को लेकर सुप्रीम कोर्ट का आदेश—
आवारा कुत्तों को वैक्सिनेशन और नसंबदी के बाद उनकी पुरानी जगह छोड़ा जा सकेगा।

रेबीज से ग्रस्त कुत्तों औऱ हिंसक व्यवहार वाले कुत्तों को नहीं छोड़ा जाएगा
सार्वजनिक जगहों पर कुत्तों को खाना खिलाने की इजाज़त नहीं होगी
कुत्तो को चिन्हित जगहों पर ही खाना दिया जा सकेगा। स्थानीय ऑथोरिटी बकायदा इन लोकेशन को चिन्हित करेगी जहां आवारा कुत्तों को खाना खिलाया जा सकेगा
आवारा कुत्तो को पकड़ने के काम मे बाधा डालने वाले को जुर्माना भरना होगा। व्यक्ति विशेष को 25 हज़ार और NGO को दो लाख का जुर्माना भरना होगा
जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस एनवी अंजारिया की बेंच ने डॉग लवर्स के हित में यह फैसला सुनाया है.
सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों को शेल्टर होम भेजने वाले अपने ही आदेश में संशोधन किया है.
सुप्रीम कोर्ट ने आज निर्देश देते हुए कुछ बातों को सख्ती से लागू करने का आदेश भी दिया है.
आवारा कुत्तों से जुड़े सभी समान मामले सुप्रीम कोर्ट को स्थानांतरित यानी ट्रांसफर होंगे,
दिल्ली NCR की तर्ज पर देश भर के तमाम राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को नोटिस जारी कर इस मामले में राष्ट्रीय नीति बनेगी यानी राष्ट्रीय स्तर पर इस मामले में एक ठोस और नियम कानून बनाने का निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में जो पिछली सुनवाई 11 अगस्त का था ,उस मामले में आवारा कुत्तों को हटाने का यानी उसे शेल्टर होम में भेजने का आदेश में किया गया संशोधन।
अब कुत्तों की नसबंदी व टीकाकरण के बाद ही कुत्तों को छोड़ा जाएगा
रेबीज या आक्रामक कुत्तों पर अलग प्रावधान रहेगा यानी छोड़ा नहीं जाएगा ,इलाज के बाद कुत्तों को उसी क्षेत्र में छोड़ा जाएगा।
निगम अधिकारी संशोधित आदेशों का पालन करेंगे।
आदेश से एनजीओ और डॉग फीडर्स को राहत
सुप्रीम कोर्ट में डॉग लवर्स की बड़ी राहत, टीका लगाकर वापस उसी इलाके में छोड़े जाएंगे आवारा कुत्ते
Background Note:
11 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस जे.बी. पारदीवाला और जस्टिस आर. महादेवन की पीठ ने दिल्ली-एनसीआर के अधिकारियों को निर्देश दिया था कि—
- सभी इलाकों से आवारा कुत्तों को हटाया जाए.
उन्हें श्वान आश्रय स्थलों में रखा जाए. - आठ सप्ताह के भीतर आश्रय स्थलों का निर्माण कर रिपोर्ट कोर्ट को सौंपी जाए.