एक आईपीएस अधिकारी को सुप्रीम कोर्ट ने जमकर फटकार लगाई है।

रिपोर्ट आलोक शुक्ल।

सुप्रीम कोर्ट की बड़ी टिप्पणी- संविधान के प्रति वफ़ादार रहें, मालिकों के प्रति नहीं

बिहार के IPS अधिकारी अशोक मिश्रा को फटकार

Update Details from Supreme Court:

SC ने हत्या के दोषी के समर्थन में हलफ़नामा दायर करने पर लगाई फटकार

सुप्रीम कोर्ट की बड़ीटिप्पणी- संविधान के प्रति वफ़ादार रहें, मालिकों के प्रति नहीं

आशोक मिश्रा आज व्यक्तिगत रूप से SC में पेश हुए।

अशोक मिश्रा ने सुप्रीम कोर्ट से  माफी मांगी।

हालांकि फटकार के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अशोक मिश्रा के माफीनामे को  स्वीकार किया।

जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और जस्टिस SVN भट्टी की पीठ ने पहले अशोक मिश्रा के हलफ़नामे पर गंभीर आपत्ति जताई थी।

जिसमें एक ऐसे मामले में दोषी को क्लीन चिट दे दी गई थी जिसमें पुलिस ने शुरू में दोषसिद्धि सुनिश्चित कर ली थी।

सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफ़नामे में आरोपपत्र और निचली अदालत के निष्कर्षों का सीधा खंडन किया गया था।

जिससे घोर लापरवाही या जानबूझकर कदाचार का संदेह पैदा हुआ।

पटना में वर्तमान में विशेष शाखा में SP के पद पर तैनात हैं अशोक मिश्रा।

SC ने वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा बिना उचित जांच-पड़ताल के हलफनामे दाखिल करने के लापरवाह तरीके पर गहरी चिंता व्यक्त की।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमें आपके द्वारा अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने के तरीके से ज़्यादा दुख होता है।

अगर गंभीरता का स्तर इतना ही है, तो आप अपने हलफनामे का एक-एक पैराग्राफ भी नहीं पढ़ते।

पटना HC द्वारा हत्या के एक मामले में दोषियों की सज़ा निलंबित करने के फैसले को चुनौती देने से जुड़ा है ये मामला।

सुप्रीम कोर्ट ने पहले कहा था कि समस्तीपुर के पुलिस अधीक्षक के रूप में दायर अशोक मिश्रा का हलफनामा बिहार सरकार के अभियोजन पक्ष के मामले के विपरीत है, जिससे उनके आचरण पर गंभीर संदेह पैदा होता है।

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