फरार विनोद अग्रवाल उर्फ़ मग्गू सेठ। सुप्रीम कोर्ट से भी इसे झटका लगा।

सरगुजा संभाग के बहुचर्चित मग्गू सेठ पर एक बड़ी ख़बर सामने आई है।

रिपोर्ट आलोक शुक्ल।
फ़रार आरोपी विनोद अग्रवाल उर्फ़ मग्गू सेठ की ज़मानत याचिका सुप्रीम कोर्ट ने भी ख़ारिज कर दी है।
हाईकोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट से भी ज़मानत ख़ारिज होने के बाद इसके नेपाल के रास्ते किसी अन्य देश में भागने की भी संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।
ग़ौरतलब है कि विनोद अग्रवाल और इसके भाई के विरूद्ध कई गंभीर धाराओं में बलरामपुर जिले के राजपुर थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी लेकिन ये शातिर सफेदपोश आरोपी उसके बाद से ही फ़रार है।
राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले एक पहाड़ी कोरबा को इसने उसकी ज़मीन हड़पने के लिए इतना डराया कि उसने हताश होकर आत्महत्या कर ली।
विनोद अग्रवाल जिसे मग्गू सेठ के उपनाम से भी जाना जाता है इसके काले कारनामों की फ़ेहरिस्त बड़ी लंबी है।सूत्रों की मानें तो बलरामपुर ज़िले के राजपुर व आसपास की कई बड़ी और कीमती ज़मीनों को इसमे अपने नाम या अपने खास लोगों के नाम कराई है जिसमें राजस्व विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों का इसे हर तरह का सहयोग मिला हैं।
इस चालबाज़ की पहुँच बहुत ऊपर तक है जिससे इसके कई मामले दबा दिए जाते रहे हैं।


दुर्भाग्य यह कि ये भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों के अधिकांश बडे नेताओं जिनमें मंत्री व विधायक भी शामिल हैं उन्हें भी अपने पाले में मिलाकर बेख़ौफ़ ग़ैरक़ानूनी गतिविधियों को अंजाम देने रहा है।
आदिवासियों के हित का खोखला दावा करने वाले सरगुजा के कुछ बड़े आदिवासी नेता भी इसके मामले में मुँह बंद करके बैठे हुए हैं इसी से इसकी कारगुज़ारियाँ और काम के हर अनुचित तरीक़े देखकर भी ज़िम्मेदार मौनी बाबा बने बैठे हैं।
इतना ही नही कई गोरखधंधे करके अरबों की संपत्ति बनाने वाले इस मग्गू सेठ की गिरफ़्तारी से यहाँ के कुछ बड़े सफ़ेदपोश प्रशासनिक अधिकारियों और नेताओं के भी इससे गठजोड़ के पुख्ता सबूत सामने आ सकते हैं जिससे कुछ प्रभावशाली लोग अप्रत्यक्ष रूप से इसकी मदद भी कर रहे हैं।
डीजीपी अरूण देव गौतम की सख्ती और नए युवा आईपीएस वैभव बेंकर के तेज तेवर के चलते अब ये मग्गू सेठ तो भयभीत है ही साथ ही इसका साथ देने वालों के भी होश उड़े हुए हैं।
बलरामपुर के एसपी वैभव बेंकर ने हमसे बातचीत में कहा है कि “हम इस शातिर व्यक्ति को हर हाल में गिरफ़्तार करेंगे और उसके किए गए कुकृत्यों पर उसे कठोर सजा दिलवाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे जिससे इस तरह के लोगों में कानून का भय हो।”
पुख़्ता सूत्रों की मानें तो पुलिस विभाग में भी इसके कुछ खास लोगों की शिनाख़्त की जा चुकी है जिनका भेद समय आने पर खुल सकता है वहीं इसके कई अवैध कामों के तार कुछ अन्य जगहों से जुड़े हुए हैं जिस पर भी पुलिस नज़र बनाए हुए है।

अप क्र 90/25 धारा 318(4),338,336(3),340(2),3(5)BNS &3(2-5)ST/SC ACT #अप क्र 103/25धारा 108,3(5)BNS &3(2-5)ST/SC ACT

इन धाराओं में इस जालसाज के विरुद्ध FIR दर्ज की गई है। साथ ही इसके साथ इसके भाई प्रवीण अग्रवाल की भी तलाश की जा रही है।

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