छत्तीसगढ के वन विभाग के मुखिया पीसीसीएफ श्रीनिवास राव के कारनामे भूपेश सरकार के समय से ही चर्चा में हैं।

सरकार बदल गई मगर पीसीसीएफ श्रीनिवास राव को न हटा पाना वर्तमान में छत्तीसगढ की भाजपा सरकार के लिए भी किरकिरी करवाना ही हुआ।

भ्रष्ट आचरण और काले कारनामों के लिए पहले से ही कुख्यात रहे पीसीसीएफ श्रीनिवास राव ने भाजपा सरकार में वन रक्षकों की भर्ती में भी ऐसा गड़बड़ झाला किया जिससे भाजपा सरकार की किरकिरी होनी शुरू हुई।

‘पहल’ ने पूरे प्रमाण के साथ वन विभाग में फॉरेस्ट गार्ड की परीक्षा में हुए फर्जीवाड़े की ख़बर पूरी जिम्मेदारी से लगाई थी  कि किस तरह वन विभाग में इस परीक्षा में भी जमकर कुछ अधिकारियों की मनमर्जी चली है।

इस मामले को दिल्ली के एक नामी पत्रकार ने तो बकायदा इसे लेकर केंद्रीय जांच एजेंसी तक को ट्वीट कर छत्तीसगढ में बड़े फर्जीवाड़े की बात लिख दी तभी से अंदरखाने ये चलने लगा कि श्रीनिवास राव पर आज नहीं तो कल शिकंजा कसा ही जाएगा।

31 दिसंबर 2024 को ही ‘पहल’ ने ये खबर प्रमाण के साथ प्रकाशित की थी।

इस मामले की शिकायत पूर्व मंत्री ननकीराम कंवर ने भी केंद्र सरकार से की और सीधे प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखा और आखिरकार इस पर केंद्र सरकार की ओर से छत्तीसगढ के वरिष्ठ आईएएस मनोज कुमार पिंगुआ को पत्र लिखकर आदेश दिया गया है कि इस मामले की और कैम्पा में भ्रष्टाचार की जांच की जाए।

कैम्पा व कुछ बड़े भ्रष्टाचार में बस्तर से लेकर सरगुजा तक वन विभाग के कुछ अधिकारी नियम कानून को ताक पर रखकर कई कारनामे कर चुके हैं।

सरगुजा के एक डीएफओ की भी कुछ कारगुजारियां सामने आने के संकेत मिल रहे हैं।

रिपोर्ट आलोक शुक्ल।

By admin

You missed